तारों की चिठ्ठी
की दूर आसमान तारों ने,
चिठ्ठी मुझे लिख डाली ।
दिया जवाब कुछ बातों का,
की चिठ्ठी नहीं थी खाली।
तू बैठी यही सोचती है,
की ऊपर तेरे अपने है।
सच है,
की सुना दे जो भी तेरे सपने हैं।
तुम बैठे किस्से हमे जो सुनाती हो,
गए अपनों को जो बुलाती हो,
की सब सुनते हैं,
जो तुम हमे सुनाती हो।
चिंता न किया कर यूँ,
वक़्त है की ये भी गुजर जाएगा ।
की देख मुस्कुराता कल फिर आएगा,
वक़्त का पहिया भी घूम जाएगा ।
की तुम हाल जो हमारा पूछती हो ,
हम भी टिमटिमाते हैं,
तुम जानती नहीं हो,
पर हम अपना हाल बताते हैं।
की दूर देश में बैठ हम,
कभी तेरी ख्वाइशों के लिए टूट जातें हैं ।
की लिखी चिठ्ठी से हम ,
अपने दिल का हाल बताते हैं ।
की तारों के देश में बैठ,
हम अपना हाल सुनाते हैं।
जवाब तुम्हारी बातों का,
लिखी चिठ्ठी से दे जातें हैं ।
धन्यवाद
धन्यवाद
Nicee di😍🤗
ReplyDeleteBeautiful dii.... ����☺️��
ReplyDeleteVery well written...
ReplyDeleteV V nice
ReplyDeleteDeep meaning 🤞🤞👌👌👌
ReplyDeleteawesome
ReplyDeleteBeautiful Punnu ❤
ReplyDeleteKuch hal aisa hi hai....apna b...😊touching lines....
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