Monday, May 4, 2020

खुदा की संतान

खुदा की संतान
हस्ता चेहरा,खिलती मुस्कान,
नहीं है उन्हें किसी दौलत का मान,
रिश्ते ना नातों का बोझ है, 
पर समस्या तो उनके लिए रोज़ है,
खाने की भी  दुविधा है,
ना कपड़ों की कोई सुविधा  है,
जीतें हैं  वो  सहारे  दान।
हस्ता  चेहरा, खिलती मुस्कान....

क्या हुआ जो माँ बाप का ना साया है ?
देखो उन्हें खुदा ने अपनाया है,
तुम भी खुदा का दिया खाते हो,
तो क्यों ना खुदा का ज़रिया बन जाते हो?
दो उन्हें विद्या का ज्ञान,
रह ना जाए वो ज्ञान से अनजान,
रिश्ते नाते तुम खुद उनसे बना लो,
उन्हें रिश्तों का एहसास करवा दो ,
उनके अरमानो को भी दो जान,
हस्ता चेहरा ,खिलती मुस्कान....

मत लेने दो उन्हें चोरी का सहारा,
ये एक फ़र्ज़ भी है हमारा,
कर दो कोई ऐसा काम महान,
ना रहे कोई अनाथ संतान,
खुदा की बस्ती है उनमे भी जान,
वो हैं खुदा की संतान,
हस्ता चेहरा, खिलती मुस्कान...


11 comments:

comment

चुस्की चाय की