साँझ का सफर
ये साँझ का सफर एहसास कईं लाता है,
सोच की दीवार पर मिलन का पहरा लग जाता है।
चाँद सूरज की साँझ एक दिन बनाता है,
जहां सूरज चाँद को रोशन कर के एक सुन्दर रात दिखाता है।
इश्क़ में कहाँ देखता है कोई अमीरी गरीबी,
यह रूहों की साँझ का एक अलग ही किस्सा बन जाता है।
वो माँ का दिल भी ख़ुशी से भर जाता है,
जब बच्चा ममता की साँझ का हर फ़र्ज़ निभाता है।
ये साँझ का वक़्त ही तो पापा को घर लाता है,
पापा के साथ ही घर का हर कोना रोशन हो जाता है।
ये अस्त सूरज ही सांझ को अपने रंग से सजाता है,
और फिर चाँद को अपने रंग में रोशन कर जाता है।
ये सांझ का सफर एहसास कई लाता है,
ये सांझ का सफर दिलकश नज़ारे दिखता है ।
Superb 🤞👌👌
ReplyDeleteVery nice di😍👌👌👌
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ReplyDeleteNYC Di💯
ReplyDeleteSuppprrrbbb dii������☺️☺️
ReplyDeleteNYC Di💯
ReplyDeleteNice ...great job
ReplyDeleteAchaaa hai...
ReplyDelete❤️👏
ReplyDeleteSupb di
ReplyDeleteGreat job.. very nice..
ReplyDeleteVery nice
ReplyDelete👌👌🤗
ReplyDeleteVery Beautiful Poetry Bhabhi.. 👌
ReplyDeleteGood one.. 👍👍✌
ReplyDeleteLovely❤️
ReplyDelete🤞👍👏👏👏👏👏👏taliyaa taliyaaa....wah ji wah
ReplyDeleteWhat a lines dear..keep it up..👌👌👍
ReplyDeleteAwesome lines...👌
ReplyDeleteAwesome ❤
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