Thursday, April 30, 2020

एक दौर

ek daur
एक दौर
एक दौर
एक दौर में जी कर आयी हूँ,
उस दौर पर मुझको नाज़ है|
की खाली नहीं हूँ इस पल मैं,
कुछ यादें  मेरे पास हैं 

वो बचपन की यादें ले लो 
जो माँ बाबा के आँगन में खेला था 
वो भाई बहन के साथ ही तो
प्यार तकरार का मेला था 
एक दौर में जी कर आयी हूँ 
उस दौर पर मुझको नाज़ है

वो यारीआं जो साथ मेरे अब भी हैं
उनके संग बिताया वो समय बहुत अलबेला था 
हसना रोना रूठना मनाना ये बातें यार तब की हैं 
जब एक दूसरे को हमने झेला  था
एक दौर में जी कर आयी हूँ 
उस दौर पर मुझको नाज़ है

बड़ों ने प्यार और डाँट भी दी हैं 
उन्ही के पास तो खुशियों का ठेला था 
जब पागलपन में नाचे गाये थे 
तो सबके लिए वो झमेला था 
एक दौर में जी कर आयी हूँ 
उस दौर पर मुझको नाज़ है

यूँ अब भी  खुश हूँ जिंदगी में 
यहाँ भी बनानी  यादें बे हिसाब हैं 
खुश क्यों न रहूं अब की दो परिवारों का साथ हैं 
एक दौर में जी कर आयी हूँ 
उस दौर पर मुझको नाज़ है
की खाली नहीं हूँ इस पल मैं
कुछ यादें  मेरे पास हैं 



Saturday, April 25, 2020

करोना को बुलाया है


करोना को बुलाया है 

देखो पृथ्वी ने अपने दिवस पे किसे बुलाया है?

कहते है करोना,पर असल में कोविद-19 कहलाया है,

करोना पृथ्वी के लिए क्या तोफा लाया है?

शुद्ध वातावरण,साफ़ पानी, पेड़ों को राहत का साया है,

यही पृथ्वी ने करोना से तोफा पाया है।

घुटती रही हम सब के कारण आज तक,

तभी हम सबको घर में बैठाया है,

देखो पृथ्वी ने अपने दिवस पर किसे बुलाया है?



कह तो रहे हैं सब की करोना मौत का साया है,

पर देखा जाए तो साँस लेने के लिए पृथ्वी ने कुछ भार घटाया है।

पर अभी भी कौन समझ पाया है?

मुर्ख इंसानो ने बहुत लोगों पर कहर ढाया है

देखो पृथ्वी ने अपने दिवस पर किसे बुलाया है?



देखो, सोचो और समझो,

करोना हम सब के लिए भी क्या कुछ लाया है?

भागती हुए ज़िंदगी में दो पल सकूं जो तुमने पाया है।

करोना हम सबको बहुत सी सीखें लाया है,

जानवरों ने भी आजादी का जशन मनाया है,

देखो पृथ्वी ने अपने दिवस पर किसे बुलाया है?









Sunday, April 19, 2020

ये दूरियाँ



ये दूरियाँ  अपनों से ,प्यार का एहसास करवातीं हैं ..
जब बेटी अपने पापा से ,अपने अरमान बताती है...
वो किस्से बचपन के , अपनी माँ से सुन पाती है ...
ये दूरियाँ अपनों से ,प्यार का एहसास करवाती है।

वो भाई से लड़ाई कर के भी ,अपने शोंक पुरे करवाती है। ...
उसकी ख़ुशी के लिए माँ पापा से भी झूठ कह जाती है। ...
ये दूरियाँ अपनों से प्यार का अहसास करवाती हैं।

वो बड़ी बहन से देर रात तक बात करना। ...
नींद कहा फिर उसके बिन आती है....
उसके साथ के बिना वो कदम न एक चल पाती है ....
ये दूरियाँ अपनों से प्यार का एहसास करवाती हैं।  

Friday, April 17, 2020

कोइ खास आया है|

एक अलग एहसास को  मेंने खुद मे पाया है... 
लगता है कोइ खास आया है|

यु रहना किसी के ख्यआलों में... 
मेने खुद में उसको पाया है... 
यु लगता है कोइ खास आया है|

धड़कने तेज चलने लगी उसे देख कर... 
उलझे ख्यलों को सुलझा पाया है... 
यु लगता है कोइ खास आया है|

कोइ  पुछ रहा है पसंद,ना पसंद मेरी...
खुद से उसे जुडा पाया है... 
यु लगता है कोइ खास आया है|

हस्ते चेहरे को देख कर मेरे ...
हाल-ऎ-दिल नहीं  छुप पाया है... 
यु लगता है कोइ खास आया है|

इबादत मे मेरी वो रिश्ता आया है... 
उस खास को मेंने दुआओ मे पाया है.. 
यु लगता है कोइ खास आया है|


Thursday, April 16, 2020

Aakhri Paigam


Yun hi bethe bethe socha🙇‍♀️,ek paigam tere naam kar dun..✍
Khne ko kuch khas nhi🤷‍♀️,do ansu tere naam kar dun..😊
Ye raat bhar jagna raaton ko🌃,in ankho me sapne hzar kr dun..🥰
Yun hi bethe bethe socha h🤔, ek paigam tere naam kr dun...✍

Waqt to guzr hi rha h zindgi ki uljhno me,kuch waqt tere b naam kr dun..⏰
Kuch khi unkhi baton ka zikr shr-e-aam kr dun..👩‍💻
Yun hi bethe bethe socha h,ek paigam tere naam kr dun..✍

Kal rhe na rhe hum,kuch yaadein tere naam kr dun..❣
Yun to mile nhi kbi🤷‍♀️,pr mil kr kisse hzar kr dun..💑
Yun hi bethe bethe socha h,ek pagaim tere naam kr dun..✍
Paigam tere naam kr dun..📜


चुस्की चाय की